रोने से नहीं होती नैया पार
रोने से होती नहीं, डगमग नैया पार।
साहस करने से सदा,मिलती मंजिल यार।।
नैन बसे वह चेहरा, छोड़ गये जो साथ।
जगह लगाती आग वह, जहाँ धरे थे हाथ।।
पूजा था जिसको सदा,अपना सब कुछ मान।
धोखा देकर वह सजन, वही ले गयी जान।।
Comments
Post a Comment