हम कोटा के नौनिहाल

कोटा एवं अन्य जगहो में पढ़ रहे नौनिहाल बच्चा यदि कोरोना से सुरक्षित रहे पर अवसाद, डर और अकेलापन उसे खा जाएगा.
समय आ गया है,अभिभावकों को अपने महत्वाकांक्षा, अपने द्वारा खुद के लिए देखे गए सपने तथा स्टेटस_सिंबल ,समाज में रूतबे को दिखाने के जिद्द को त्यागना चाहिए.
अपने सपनो को पूरा करने के लिए मासूमो को कक्षा-6, कक्षा-7, कक्षा-10 में भेजते हैं और बच्चों के बचपन और #पारिवारिक_संस्कार व मूल्यों को त्यागने पर मजबूर करते हैं. फिर यही बच्चे बड़े होकर माता-पिता एवं #समाज को #त्यागते है.
राज्य सरकारों को भी चाहिए अपने हठयोग को छोड़े, समस्या से बाहर निकलने का समाधान निकालना चाहिए. आगे से अपने राज्य में कोटा,दिल्ली जैसे सेंटरों को विकसित करना चाहिए.


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