हर कर्तव्य निभाना होगा
हर कर्तव्य निभाना होगा ।आगे कदम बढ़ाना होगा ।।जीवन में कठिनाई आए ,संघर्षों के बादल छाए। हर पग ठोकर जब भी खाई-सँभले हम गिरने कब पाए।।मृत्यु नाचती देती दस्तक , तुमको दूर भगाना होगा।।भयाक्रांत परिवेश हुआ है ,मन में सबके क्लेश हुआ है । बंद सभी बैठे कमरों में -व्याधि ग्रस्त जन देश हुआ है।।बने चिकित्सक जिम्मेदारी,मन को कड़ा बनाना होगा ।।साहस मन का बाकी रखना । धीरज मन का कभी न डिगना ।
बहुत कड़ी हैं जीवन राहें-विचलित मन को साधे रहना ।।अर्थ व्यवस्था भी डगमग है , भारत सबल बनाना होगा।।बना वायरस प्रलयंकारी,सीमा पर भी रण है जारी।
जूझ रहे हैं सब संकट से -चिंता से मन होता भारी।।
वीर सिपाही नमन तुम्हें है,सीमा पर अब जाना होगा।।
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