यादें, याद आती है
पत्ते-पत्ते पर, तेरा ही नाम लिखा है,
संग जो बीता लम्हा ,तमाम लिखा है।
सपनों में बनेगा घरोंदा,वो आम लिखा है,
शूल बन चुभती हैं ,पुरानी यादें मन में,
गाती हैं दिशाएं ,अब क्रंदन के सुर में।
तु ही सुबह,तु ही शाम लिखा है
हर जर्रे में तेरे लिए ,सलाम लिखा है।
जाने क्यों जग वाले,अब हमारे प्रेम से जलते हैं,
हम क्यों, सबकी आंखों में खलते हैं।
हरसूं दिलों का ,कत्ले-आम लिखा है,
पत्ते-पत्ते पर ,तेरा ही नाम लिखा है |
यहाँ जग भले जले ,पर प्यार पलेगा,
कारवां तो प्रेमियों का ,हरदम चलेगा।
प्यार के नाम,मस्ती का जाम लिखा है,
पत्ते- पत्ते निशि, तेरा ही नाम लिखा है ||
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