रविदास होने का अर्थ रविदास होने का अर्थ है, तलवार की नोक पर चलना, क्रांति की आग पैदा करना, हजारों वर्षों से बनी बनाई , मूढ़ मान्यताओं को, अंगूठा दिखा देना। आज जिस युग में, अमृत बूंद पाने के लिए, पूरा देश उमड़ पड़ा हो, क्या प्रधानमंत्री? क्या राष्ट्रपति? क्या नेता ? क्या अभिनेता? कोई चूकना नहीं चाह रहा , गंगा मैया के घाट पर , अमृत बूंद पीने के लिए। सोचिए जरा, थोड़ा रुक कर विचारे, मन चंगा तो कठौती में गंगा, यदि मन पवित्र है तो, घर में ही काशी कैलाश है, करोड़ों लोग, अमृत बूंद पाना चाहते हैं, क्या उनका मन चंगा हो गया? क्या उन्होंने ? झूठ, बेईमानी, चोरी,मिलावटखोरी छोड़ दिया, क्या यह देश , भ्रष्टाचार से मुक्त हो गया, कौन है जो? लोगों को सिखा रहा है, तुम पाप करते रहो, गंगा मैया में डुबकी लगाओ, पाप को काटकर , फिर पाप में लिप्त हो जाओ। ऐसा चाहूं राज मैं, जहां मिले सभै को अन्न। ऊंच नीच सब मिटि रहे , रविदास रहे प्रसन्न। सैकड़ो वर्षों बाद भी, आज भी जनता, भूखी नंगी क्यों हैं? कब आएगा रविद...
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